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दिल के चंद एहसास



तुम आए जिंदगी में, 
इस तरह, जैसे बहार आयी।। 
लगा पतझड़ में बसंत की,
रिमझिम फुहार आयी।। 
वीरान हो गई थी जिन्दगी,
तन्हा जीते-जीते।। 
पाकर तुम्हारा प्यार लगा,
जिंदगी में भी जान आयी।। 


----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---




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1 Comments

Sachin dev

14-Dec-2022 04:09 PM

Well done

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